उज्जैन। सोमवार को लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को किन्नर अखाड़े के पहले आचार्य महामंडलेश्वर की पदवी ग्रहण कराने के की घोषणा से अखाड़ा परिषद नराजा हो गया है। आपको बता दें कि देश में साधु-संतों के 13 अखाड़े हैं, जिनमें किन्नर अखाड़ा शामिल नहीं है। इसके बावजूद किन्नर अपने अखाड़ों की ही तरह सिंहस्थ कुंभ में सुविधाएं दिए जाने की मांग करते रहे हैं, मगर वे इसमें सफल नहीं हुए हैं। इस बार के सिंहस्थ कुंभ में किन्नर अखाड़े को जमीन आवंटित की गई। इस अखाड़े ने अपनी शोभायात्रा भी निकाली थी।
सोमवार को विधि-विधान के साथ लक्ष्मी ने महामंडलेश्वर की पदवी ग्रहण की थी। इसके नासिक राजस्थान, दिल्ली, गुजरात चार पीठाधीश्वर और चार महंतों की नियुक्ति की है।
अखाड़े के संरक्षक अजयदास ने बताया पदवी ग्रहण समारोह उजड़खेड़ा क्षेत्र में स्थापित कैम्प में हुआ। इसमें विधिविधान से लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को आचार्य महामंडलेश्वर की पदवी दी गई। वे अखाड़े की नियमावली और उद्देश्य बताएंगे।
देशभर के 20 लाख किन्नरों के सम्मान और उत्थान के लिए देशभर में जागरूकता रथ चलाया जाएगा। अखाड़ा जनकल्याण के साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य करेगा, जिसकी शुरुआत वे देवत्व यात्रा में शिप्रा शुद्धिकरण और स्वच्छता का संदेश देकर कर चुके हैं।